25 January, 2009

A few more days....

कुछ चंद दिन और की बात है
फ़िर हम भी होंगे उस चाय की दुकान पे
हम भी पूछेंगे लोगों का हाल समाचार
हम भी सुनेंगे कुछ मीठी बातें
वोह बच्चों को मुस्कुराना
वोह नुक्कड़ वाले काका की कहानियाँ
सवारी होगी रेल या कोई नाव
साथ में ज़रूर होगी अपनी कोई रुसवाईयाँ

तब और भी हसेंगे हम ,
बेरोक बेफिक्र होकर खेलेंगे हम ,
मिटटी की खुसबू से अपने को नेह्लायेंगे,
चाय की चुस्की में आनंद उठाएंगे.

1 comment:

Unknown said...

hey how dyu blog in Hindi. never figured that one out :(